इमाम जैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम
-
हज़रत इमाम ज़ैनुल आबिदीन अ.स.सज्दे करने वालों के सरदार हैं।मौलाना सैयद रज़ा हैदर ज़ैदी
हौज़ा / बाराबंकी, भारत में इमाम ज़ैनुल आबिदीन अलैहिस्सलाम के मुबारक विलादत के मौके पर ग़ुलाम असकरी हॉल में एक जश्न-ए-मसर्रत का आयोजन किया गया।
-
हज़रत इमाम ज़ैनुल आबेदीन की ज़िन्दगी इमामों की ज़िन्दगी के जगमगाते अध्याय की झलक है। सुप्रीम लीडर
हौज़ा / हज़रत इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम तीन किरदार अदा कर रहे थे दो किरदार उनके और बाक़ी इमामों के बीच कॉमन हैं। इस्लाम और इस्लामी समाज के सिलसिले में अपनी इमामत के 250 साल के दौर में सारे इमाम जो अहम फ़रीज़ा अदा कर रहे थे, उनमें से एक इस्लामी ज्ञान, इस्लामी ज्यूरिसप्रूडेंस का प्रचार और इस्लाम पर थोपी जाने वाली ख़ुराफ़ातों से उसकी रक्षा थी।
-
दिन की हदीसः
मोमिन की दुआ का परिणाम
हौज़ा / हज़रत इमाम ज़ैन अल-आबेदीन (अ) ने एक रिवायत में मोमिन की दुआ के परिणाम का संकेत दिया है।
-
हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.इमाम बाड़े में 11 मोहर्रम की मज़लिस/फोंटो
हौज़ा/ग्यारहवीं मोहर्रम की रात में तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमाम बाड़े में हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की मजलिस आयोजित हुई।
-
दिन की हदीसः
ऐसी ख़ुशी से दूर रहो
हौज़ा / हज़रत इमाम ज़ैन अल-आबेदीन (अ) ने एक रिवायत में संकेत दिया है कि ऐसा आनंद पाप करने से भी अधिक बड़ा और अधिक बदसूरत है।
-
सहरी की दुआ
हौज़ा/इमाम अली इब्नुल हुसैन (ज़ैनुल आबिदीन अलैहिस्सलाम) ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
-
दिन की हदीसः
विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर
हौज़ा / हज़रत इमाम ज़ैनुल-आबेदीन (अ) ने एक रिवायत में ज्ञान प्राप्त करने के इनाम का संकेत दिया है।
-
दिन की हदीसः
हर ज़माने के बेहतरीन लोग
हौज़ा / हज़रत इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ) ने एक रिवायत में हर ज़माने के बेहतरीन लोगो का परिचय कराया है।
-
दिन की हदीसः
हज़रत अबा अब्दिल्लाहिल हुसैन (अ.स.) पर आंसू बहाने का सवाब
हौज़ा / हज़रत इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ.स.) ने एक रिवायत में हज़रत अबा अब्दिल्लाहिल हुसैन (अ.स.) पर आँसू बहाने का सवाब बयान किया है।
-
तंज़ीमुल मकातिब में संगोष्ठी का आयोजन:
इमाम सज्जाद ने गुलामों को बच्चों की तरह प्रशिक्षित किया है: मौलाना सैयद अली हाशिम आबिदी
हौज़ा/ जामिया इमामिया के शिक्षक ने इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ.स.) के गुणों का वर्णन करते हुए कहा कि शेख तूसी ने इमाम सज्जाद के छात्रों की संख्या 171 बताई है। इसी तरह इमाम सज्जाद ने एक लाख गुलामों को खरीदा, शिक्षा और प्रशिक्षण के बाद, उन्हें अल्लाह के रास्ते में मुक्त कर दिया, जो बाद में इस्लाम के प्रचारक बन गए। उन्होंने कभी भी अपने किसी गुलाम को गुलाम नहीं माना, लेकिन उन्हें हमेशा "यबनी" या "मेरा बेटा" कहकर संबोधित किया, जिसका अर्थ है कि आपने उन्हें गुलामों के बच्चों की तरह प्रशिक्षित किया।
-
:दिन की हदीस
हज़रत इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम की नसीहत
हौज़ा/हज़रत इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में अल्लाह तआला की ताकत और कुदरत से डरने की नसीहत की है।