हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, यह रिवायत "अल-ख़िसाल" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام السجاد علیه السلام:
مَا رَأَیْتُ مَصِیبَةً أَشَدَّ عَلَى قَلْبِی مِنْ کَرْبَلَاءَ وَ مَذَلَّةِ السَّبْیِ وَ أَهْلِ بَیْتِی
हज़रत इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ) ने फ़रमाया:
मैंने अपने दिल पर कर्बला और बंदियों और अपने परिवार के अपमान से ज़्यादा गंभीर मुसीबत कभी नहीं देखी।
अल-ख़िसाल, भाग 1, पेज 280
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