हौज़ा / मुशकेलात को क़बूल करना, ख़ास दुआओं और ज़ियारतों का एहतमाम करना, नमाज़-ए-इस्तेग़ासा और इमाम-ए-ज़माना (अ) की मारफ़त में इज़ाफ़ा ये सब बातें दिल को सुकून देती हैं और दुनिया की सख्तियों को…