हौज़ा/आयतुल्लाह शेख़ इब्राहीम ज़कज़की जब अफ्रीका पहुंचे कुछ जवान आपसे मिलने आए जवानों ने सवाल किया आगा मोहर्रम क़रीब हैं हम किस तरह अज़ा बरपा करे आपने फरमाया जिस तरह जनाबे ज़ैनब अपने मकसद को…