۱ آذر ۱۴۰۳
|۱۹ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 21, 2024
इरादा
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दिन की हदीसः
ख़ुलूसे नियत का महत्व
हौज़ा /अमीरुल मोमिनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में ख़ुलूसे नियत के महत्व की ओर संकेत किया है।
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फिलीस्तीनी लोगों के इरादे कब्जाधारियों के इरादो से अधिक मजबूत है, हिज़्बुल्लाहे लेबनान
हौज़ा / हिज़्बुल्लाहे लेबनान ने एक बयान में कहा कि एक बार फिर फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध सेनानियों ने कब्ज़ा करने वाली इज़राइली सरकार के सामने अपनी पूरी ताकत और क्षमता का प्रदर्शन किया है।
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नियत जबान का अमल नहीं है दिल का अमल है! हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन अकीलुल ग़रवी
हौज़ा / शरीयत में इबादत के हर कार्य के लिए इरादा एक शर्त है। इरादा जबान नहीं है, हृदय का कर्म है, पैरों का काम आपके हाथों से नहीं किया जा सकता, इरादा हृदय की क्रिया है। यदि आप एक वाक्य लेते हैं और उसे दोहराते रहते हैं, तो उसमें से क्रिया नहीं निकलेगी, जब तक कि हृदय में कोई इरादा न हो, क्रिया अस्तित्व में नहीं आ सकती।