۲۴ آبان ۱۴۰۳ |۱۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 14, 2024
समाचार कोड: 392276
12 नवंबर 2024 - 05:11
दिन की हदीस

हौज़ा /अमीरुल मोमिनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में ख़ुलूसे नियत के महत्व की ओर संकेत किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "ग़ेरर अल-हिकम" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال امیرالمؤمنين عليه السلام:

عُرِفَ اللّهُ سُبحانَهُ بَفَسخِ العَزائِمِ، وحَلِّ العُقود، وكَشفِ الضُّرِّ وَالبَلِيَّةِ عَمَّن أَخلَصَ لَهُ النِّيَّةَ

अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली (अ) ने फ़रमाया:

अल्लाह तआला इरादो के तूटने, कठिनाइयों और कष्टों को दूर करने और उन लोगों के दर्द और परीक्षणों को दूर करने के लिए जाना जाता है जो सच्चे इरादों के साथ उसकी ओर मुड़ते हैं।

ग़ेरर अल-हिकम: भाग 4, पेज 357, हदीस 6315

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