हौज़ा/मुख़तलिफ़ ज़ियारतों में हम जो इल्तेजा का अंदाज़ देखते हैं जिनमें कुछ की सनद भी बहुत मोतबर है, उनकी बहुत अहमियत है,इमाम अलैहिस्सलाम हर आवाज़ को सुनते हैं और इल्तेजा को क़ुबूल करते हैं।