हौज़ा / जब फिक्री और अख़्लाक़ी लगज़ीश आम हो चुकी थीं, तो एक रिवायत में हज़रत इमाम हादी (अ.स.) एक बेहद अहम बीमारी की तरफ़ इशारा करते हैं,मुश्किलात को ज़माने से मंसुब करना...... ।
हौज़ा / माह ए मुबारक रजब अल्लाह तआला की तरफ़ रुजू, दुआ, तवस्सुल और ख़ास तौर पर इस्तिग़फ़ार का महीना है।रहबर-ए-इंक़ेलाब-ए-इस्लामी के मुताबिक़ इस बरकत वाले महीने में सबसे ज़्यादा शायस्ता और अफ़ज़ल…
हौज़ा/इस्लामिक रिवायतो के अनुसार, रजब का महीना एक खास और नेक महीना है जो इबादत, दुआ, माफ़ी मांगने और रूहानी कामों से भरा होता है, और यह इंसान का अल्लाह और उसके संतों के साथ रिश्ता मज़बूत करता…