इस्लामी घराना (20)
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इस्लामी घराना:
धार्मिकमियां बीवी के रोल में बदलाव ग़लत है
हौज़ा / कुछ ग़लत नज़रिए, जो औरतों से मख़सूस नहीं हैं, मर्द भी कभी कभी उन्हीं मतों का पालन करते हैं और यह कहना चाहते हैं कि आइये इस तराज़ू (के पलड़ों) की चीज़ें (मर्द और औरत के रोल) आपस में बदल…
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इस्लामी घराना:
धार्मिकसमाज में तरक़्क़ी, औरत के फ़ैमिली से लगाव पर हैं
हौज़ा / इस्लाम ने घर के भीतर औरत के किरदार को जो इस क़द्र अहमियत दी है उसका कारण यही है कि औरत में अगर फ़ैमिली से लगाव हो, अपनी दिलचस्पी ज़ाहिर करे, बच्चों की तरबियत को अहमियत दे इस से समाज में…
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इस्लामी घरानाः
धार्मिकपरिवार, मुल्क और समाज की व्यवस्था संभालने में मुख्य रोल अदा करता है
हौज़ा / अगर इंसानों को आज़ाद छोड़ दिया जाए ताकि वे अपनी यौन इच्छा को जिस तरह चाहें पूरा करें तो ऐसे में या तो परिवार का गठन न हो पाता और वह बेजान होता या उसके सामने हर पल तबाह होने का ख़तरा मंडराता…
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इस्लामी घरानाः
धार्मिकआपस में एक दूसरे को समझना, मियां बीवी के बीच मोहब्बत को बढ़ा देता है
हौज़ा / शादी का मतलब दो वजूदों का एक साथ ज़िन्दगी में एक दूसरे को समझना और आपस में मोहब्बत है।
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धार्मिकशरई अहकाम | मीरास से कौन वंचित है?
हौज़ा / इस्लामी क्रान्ति के नेता ने "विरासत से वंचित करने" पर जनमत संग्रह पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है।