हौज़ा / हज करने का सौभाग्य पाने वाले हाजियों और ख़ास तौर पर इस्लामी मुल्कों के ओलेमा और हाजियों से विनती है कि अपने अमल के माध्यम से मुशरिकों से बराअत कीजिए।
हौज़ा / सुप्रीम लीडर में फरमाया,अगर फ़ैमिली में औरत को मनोवैज्ञानिक व नैतिक नज़र से सुरक्षा हासिल हो सुकून व इत्मेनान हो तो हक़ीक़त में शौहर उसके लिए लेबास समझा जाता है।