हौज़ा/जब भी हम इमाम ख़ुमैनी के नारों के साथ आगे बढ़े, हमने तरक़्क़ी की हमने कामयाबी हासिल की हमें इज़्ज़त मिली दुनिया के फ़ायदे भी हमें मिले जब हम उन नारों से पीछे हटे, सुस्ती की दुश्मन को मौक़ा…