۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
आयतुल्लाह ख़ामेनई

हौज़ा/जब भी हम इमाम ख़ुमैनी के नारों के साथ आगे बढ़े, हमने तरक़्क़ी की हमने कामयाबी हासिल की हमें इज़्ज़त मिली दुनिया के फ़ायदे भी हमें मिले जब हम उन नारों से पीछे हटे, सुस्ती की दुश्मन को मौक़ा दिया कमज़ोर हुए, पीछे हटे, इज़्ज़त नहीं मिली

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,इस्लामी जुम्हूरी हक़ीक़त में उस वक़्त इस्लामी जुम्हूरी है जब इमाम ख़ुमैनी र.ह. के ठोस उसूलों के साथ, वह चीज़ें जो उनकी मुबारक ज़िन्दगी के दौरान ध्यान का केन्द्र थीं, जिनका नारा दिया जाता था पूरी संजीदगी के साथ फ़ॉलो की जाती थीं  आगे बढ़ें।


जब भी हम उन नारों के साथ आगे बढ़े, हमने तरक़्क़ी की हमने कामयाबी हासिल की हमें इज़्ज़त मिली दुनिया के फ़ायदे भी हमें मिले जब हम उन नारों से पीछे हटे, सुस्ती की दुश्मन को मौक़ा दिया कमज़ोर हुए, पीछे हटे, इज़्ज़त नहीं मिली।
दुश्मन ज़्यादा गुस्ताख़ हुआ है, ज़्यादा सामने आ गया है, दुनियावी फ़ायदे के लेहाज़ से भी हमें नुक़सान हुआ इस्लामी व्यवस्था सही अर्थ में इस्लामी हो और दिन ब दिन इस्लामी उसूलों के ज़्यादा क़रीब हो, ऐसी हालत में बंद गिरहें खुल जाती हैं। मुश्किलें हल हो जाती हैं, तब समाज को इज़्ज़त और ताक़त हासिल होती हैं।

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