हौज़ा/जिस वक़्त सत्ताधारी तबक़ा बुराई व भ्रष्टाचार में लिप्त हो, हर चीज़ को शक की निगाह से देखा करो, लेकिन जिस वक़्त समाज में भलाई फैली हो, बदगुमानी छोड़ दो और एक दूसरे के बारे में सार्थक सोच…