ईमान (12)
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ईरानयूरेनियम संवर्धन और मानवाधिकार बहाने हैं, अपराधी अमेरिका ईरानी क़ौम के दीन और दानिश का मुख़ालिफ़ है: इस्लामी क्रांति के नेता
हौज़ा/ ज़ायोनी शासन द्वारा ईरानी राष्ट्र पर थोपे गए हाल के बारह दिवसीय युद्ध के शहीदों के चेहलुम के अवसर पर, इस्लामी क्रांति के नेता द्वारा मंगलवार, 29 जुलाई, 2025 को इन शहीदों को श्रद्धांजलि…
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आयतुल्लाह दरी नजफाबादी:
ईरानशहीदों का खून सम्मान और गौरव का स्रोत है और ईमान और विलायम का प्रतीक है
हौज़ा/ आयतुल्लाह दरी नजफाबादी ने सांस्कृतिक विद्रोहों और बौद्धिक विचलनों के प्रसार के विरुद्ध निर्णायक और सशक्त प्रतिरोध का आह्वान किया और इस्लामी एवं अरब समाजों से ग़ज़्ज़ा के उत्पीड़ित लोगों…
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महिला धार्मिक मदरसे के निदेशक:
धार्मिकरिवायत ए कर्बला | तेरहवीं मुहर्रम की घटनाएँ, "मा रअयतो इल्ला जमीला"
हौज़ा/ तेरहवीं मुहर्रम 61 हिजरी को, उबैदुल्लाह बिन ज़ियाद ने आदेश दिया कि पैगंबर के परिवार के बंदियों को उनके महल में पेश किया जाए। वह इमाम हुसैन (अ) के पवित्र सिर को सबके सामने प्रदर्शित करके…
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आयतुल्लाह अराकीः
उलेमा और मराजा ए इकरामअल्लाह से मुहब्बत, कुफ़्र के मुकाबले मे ईमान की दृढ़ता और स्थिरता का रहस्य है
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया की सुप्रीम काउंसि के सदस्य ने कहाः"ईमान और कुफ़्र के ऐतिहासिक संघर्षों में, ईमान का मोर्चा हमेशा अधिक दृढ़ और स्थिर रहा है। यह दृढ़ता अल्लाह से गहरी मुहमब्बत से उत्पन्न…
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!इत्रे क़ुरआनः सूर ए नूर
हौज़ा हाय इल्मियाहिदायत और सीधे रास्ते की राहनुमाई
हौज़ा/ इस आयत का संदेश यह है कि अल्लाह ईमानवालों को उनकी ईमानदारी और कर्मों के आधार पर सीधे रास्ते पर ले जाता है। यह मार्गदर्शन इस लोक और परलोक दोनों में सफलता की गारंटी है।
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!इत्रे क़ुरआनः सूर ए नूर
हौज़ा हाय इल्मियाईमान और अच्छे कर्मों का प्रतिफल
हौज़ा/ यह आयत हमें विश्वास करने और अच्छे कर्म करने के लिए प्रोत्साहित करती है और हमें स्वर्ग के शाश्वत आशीर्वाद का वादा करती है। मुसलमानों को अपने विश्वास को मजबूत करना चाहिए और अच्छे कर्मों…
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इत्रे क़ुरआनः सूर ए नेसा !
हौज़ा हाय इल्मियाईमान और अच्छे कर्मों के सिले में जन्नत की सदाबहार नेमतें
हौज़ा/अल्लाह ने ईमानवालों को खुशखबरी दी है कि जो लोग ईमान के साथ अच्छे कर्म करेंगे, वे जन्नत की सदाबहार नेमतों के हक़दार होंगे। यह आयत न केवल विश्वासियों को प्रेरित करती है बल्कि उनके विश्वास…
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इत्रे क़ुरआनः सूर ए नेसा !
हौज़ा हाय इल्मियाईमान और इनकार के परिणाम
हौज़ा/ यह आयत मनुष्य को व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से उसके कार्यों के परिणामों की याद दिलाती है। जो लोग विश्वास करते हैं वे समृद्ध होंगे, जबकि अविश्वासी और जो दूसरों को गुमराह करते हैं वे सज़ा…