ईमान (9)
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आयतुल्लाह अराकीः
उलेमा और मराजा ए इकरामअल्लाह से मुहब्बत, कुफ़्र के मुकाबले मे ईमान की दृढ़ता और स्थिरता का रहस्य है
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया की सुप्रीम काउंसि के सदस्य ने कहाः"ईमान और कुफ़्र के ऐतिहासिक संघर्षों में, ईमान का मोर्चा हमेशा अधिक दृढ़ और स्थिर रहा है। यह दृढ़ता अल्लाह से गहरी मुहमब्बत से उत्पन्न…
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!इत्रे क़ुरआनः सूर ए नूर
हौज़ा हाय इल्मियाहिदायत और सीधे रास्ते की राहनुमाई
हौज़ा/ इस आयत का संदेश यह है कि अल्लाह ईमानवालों को उनकी ईमानदारी और कर्मों के आधार पर सीधे रास्ते पर ले जाता है। यह मार्गदर्शन इस लोक और परलोक दोनों में सफलता की गारंटी है।
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!इत्रे क़ुरआनः सूर ए नूर
हौज़ा हाय इल्मियाईमान और अच्छे कर्मों का प्रतिफल
हौज़ा/ यह आयत हमें विश्वास करने और अच्छे कर्म करने के लिए प्रोत्साहित करती है और हमें स्वर्ग के शाश्वत आशीर्वाद का वादा करती है। मुसलमानों को अपने विश्वास को मजबूत करना चाहिए और अच्छे कर्मों…
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इत्रे क़ुरआनः सूर ए नेसा !
हौज़ा हाय इल्मियाईमान और अच्छे कर्मों के सिले में जन्नत की सदाबहार नेमतें
हौज़ा/अल्लाह ने ईमानवालों को खुशखबरी दी है कि जो लोग ईमान के साथ अच्छे कर्म करेंगे, वे जन्नत की सदाबहार नेमतों के हक़दार होंगे। यह आयत न केवल विश्वासियों को प्रेरित करती है बल्कि उनके विश्वास…
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इत्रे क़ुरआनः सूर ए नेसा !
हौज़ा हाय इल्मियाईमान और इनकार के परिणाम
हौज़ा/ यह आयत मनुष्य को व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से उसके कार्यों के परिणामों की याद दिलाती है। जो लोग विश्वास करते हैं वे समृद्ध होंगे, जबकि अविश्वासी और जो दूसरों को गुमराह करते हैं वे सज़ा…