हौज़ा/ध्यान देने वाली बात है कि अगर हमारे हालात और हमारे बुरे आमाल सैकड़ों साल पहले इमाम सादिक़ अ.स. को बेचैन हो कर रोने पर मजबूर कर सकती है तो क्या हमारी ज़िम्मेदारी नहीं बनती कि हम इस ग़ैबत…
हौज़ा / असगरिया संगठन पाकिस्तान द्वारा जन्नत-उल-बकीअ के विध्वंस को सौ साल पूरे होने पर एक निंदनीय बयान जारी किया है।
हौज़ा / पाकिस्तान के लोग फिलिस्तीन के साथ हैं और इस्राइल का समर्थन करने वाले तत्वों को पाकिस्तान में माफ नहीं किया जाएगा।
हौज़ा / इमाम हुसैन (अ.स.) ने अपने क़याम के माध्यम से पूरी उम्मत को गुमराही से बचाया है। अगर इमाम हुसैन नहीं उठे होते तो मुस्लिम उम्मत बर्बाद हो जाती।