हौज़ा / मरहूम आयतुल्लाह बुरूजर्दी कहते हैं कि इमाम जाफर सादिक अ.स. कभी-कभी तक़ैय्या के तौर पर यहां तक कि अपने शिया के साथ भी जवाब दिया करते थे क्योंकि उनका इरादा हकीकत जानने का नहीं होता था बल्कि…