हौज़ा / इस्लामी जगत की पीड़ा के बहुत से कारण हैं जब हम फूट का शिकार हों जब एक दूसरे के हमदर्द न हों जब यहाँ तक कि एक दूसरे का बुरा चाहने वाले बन गए हों तो इसका नतीजा इज़्ज़त गवांने का सबब है।