हौज़ा / इमाम अली (अ) ने नहजुल बलाग़ा की हिकमत 57 में क़नाअत को कभी खत्म न होने वाली दौलत बताया है। यह सीख हमें दिखाती है कि सच्चा सुकून और आज़ादी, ज़रूरत की चीज़ों पर क़नाअत करने और शानो-शौकत…
हौज़ा / हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने नहजुल बलाग़ा की हिकमत नंबर 44 में चार अहम सिफ़ात को सआदत और कामयाबी की बुनियाद क़रार दिया है यह मुख़्तसर मगर बलीग़ जुमले किसी भी मोमिन की ज़ेहनी और अमली ज़िंदगी…