۴ آذر ۱۴۰۳
|۲۲ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 24, 2024
क़याम
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4000 शिष्य होने के बावजूद इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.स.) के क़याम ना करने का कारण
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.स.) फ़रमाते हैं : ख़ुदा की क़सम अगर मै इन भेड़-बकरियों की संख्या के बराबर सच्चा शिया और सच्चा दोस्त रखता, तो मेरे लिए एक अत्याचारी के सामने चुप रहना जायज़ नहीं होता और अपने अधिकारों की रक्षा ना करता।
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वाक़ेआ ए आशूरा मानव समाज के लिए एक सबक और सीख है, हौज़ा ए इल्मिया क़ुम के शिक्षक
हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम हसन वतनख्वा ने कहा कि इमाम हुसैन (अ.स.) का क़याम सत्य और न्याय की स्थापना थी और इसका मुख्य और महत्वपूर्ण उद्देश्य सत्य को पुकारना और मानव जीवन में एकेश्वरवाद को पुनर्जीवित करना था।