हौज़ा/किसी मुसलमान का कत्ल करना हराम है बल्कि वह काफिर जिसकी जान की हिफाज़त मुसलमान मुल्क में वाजिब हो उसको भी कत्ल करना हराम है और यहां तक की जुल्मों सितम करना भी कत्ल ही की तरह हैं,