۳ آذر ۱۴۰۳ |۲۱ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 23, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/किसी मुसलमान का कत्ल करना हराम है बल्कि वह काफिर जिसकी जान की हिफाज़त मुसलमान मुल्क में वाजिब हो उसको भी कत्ल करना हराम है और यहां तक की जुल्मों सितम करना भी कत्ल ही की तरह हैं,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल:किसी मुसलमान को कत्ल करने या उस पर ज़ुल्म करने का क्या हुक्म हैं?

उत्तर: किसी मुसलमान का कत्ल करना हराम है बल्कि वह काफिर जिसकी जान की हिफाज़त मुसलमान मुल्क में वाजिब हो उसको भी कत्ल करना हराम है और यहां तक की जुल्मों सितम करना भी कत्ल ही की तरह हैं,जैसे उसे मारना या घायल करना कर्ण या बच्चे का गर्भपात कराना भी हराम है। हत्या के क्रम में निषिद्ध है, भले ही आत्मा प्रवेश से पहले हो या रक्त का थक्का या जमा हुआ रक्त हो।

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