۱ آذر ۱۴۰۳
|۱۹ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 21, 2024
कुरान की प्रामाणिकता
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शरई अहकामः
ऐसी हदीस बयान करना जिसके सही होने का यक़ीन न हो
हौज़ा/ यदि वह हदीस के सही होने का उल्लेख नहीं करता है और हदीस प्रसिद्ध है, तो उसको बयान किया जा सकता है।
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वर्तमान कुरान की प्रामाणिकता, शिया विद्वानों की एकमत राय
हौज़ा / मुसलमानों में कुछ ऐसे लोग भी हो सकते हैं जो मानते हैं कि क़ुरान मे कोई कमी है, लेकिन सभी मुसलमान इस बात से सहमत हैं कि क़ुरआन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।