शुक्रवार 16 अगस्त 2024 - 06:29
ऐसी हदीस बयान करना जिसके सही होने का यक़ीन न हो

हौज़ा/ यदि वह हदीस के सही होने का उल्लेख नहीं करता है और हदीस प्रसिद्ध है, तो उसको बयान किया जा सकता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी 

प्रश्न: यदि कोई व्यक्ति अहले-बैत (अ) से कोई हदीस सुनाता है, जबकि वह इसकी सही होने के बारे में यक़ीन नहीं है, लेकिन चूंकि श्रोता आम लोग हैं, जो इन चीजों के बीच अंतर नहीं करते हैं, तो क्या हुक्म है? उसके लिए ऐसा करना?

उत्तर: यदि वह हदीस की सही होने का उल्लेख नहीं करता है और हदीस प्रसिद्ध है, तो इसका उल्लेख किया जा सकता है।

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