हौज़ा / जिस शख्स ने मैय्यत को मस किया हो,यानी अपने बदन का कोई हिस्सा मैय्यत के बदन से छुआ हो)वह ग़ुस्ल मसे मैय्यत के बगैर रोज़ा रख सकता है और अगर रोज़े की हालत में भी मैय्यत को मस करें तो उसका…