चरित्र
-
अपने चरित्र और कार्यों से अहले-बैत (अ) से प्यार दिखाएं: दय्यर शहर के इमाम जुमा
हौज़ा / ईरान के दय्यर शरह के इमाम जुमा ने कहा: अहले-बैत (अ) से प्यार एक महान पूंजी है, इसलिए हमें अहले-बैत (अ) से प्यार करना जारी रखते हुए उनका पालन करना चाहिए।
-
आयतुल्लाहिल उज्मा हाफिज बशीर नजफी की सेवा में ईरान के तीर्थयात्री:
मोमिना महिलाओं को चाहिए कि वे हज़रत फातिमा ज़हरा (अ.स.) की नैतिकता और चरित्र से खुद को सुशोभित करें
हौज़ा / मरजा आली क़द्र ने अपने पैतृक और आवश्यक सलाह और बातों में कहा कि महिलाओं, विशेष रूप से मोमेना महिलाओं को, हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (अ.स.) की नैतिकता और चरित्र से खुद को सँवारना चाहिए।
-
आयतुल्लाहिल उज़्मा जाफ़र सुबहानीः
महिलाओं को इस्लाम नाब का पालन करना चाहिए और हज़रत ज़हरा (स) की ईमानदारी और ज्ञान की एक सुंदर अभिव्यक्ति होनी चाहिए
हौज़ा / यह हमारी महिलाओं की जिम्मेदारी है कि हम इस्लाम नाब का पालन करें, इस मार्ग मे अंधविश्वास और अज्ञानता के आवरण से ढकी हर चीज से दूर रहें, पत्नि और मा के पवित्र और जीवनदायी भूमिकाओं के रूप मे हज़रत ज़हरा की इस्मत और हिकमत का सुंदर मज़हर बनें। वास्तव में मनुष्य के जीवित रहने का रहस्य ज्ञान है।
-
हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ.) के महान बलिदानों का उल्लेख अय्यामे अज़ा ए फातिम्या की मजलिसो में किया जाना चाहिए, सैयदा ज़हरा नकवी
हौज़ा / अगर हम जनाबे सैयदा (स.अ.) के जीवन का ध्यानपूर्वक अध्ययन करते हैं, तो बीबी दो आलम ने अपने चाहने वालो को अपनी करनी और कथनी के माध्यम से हर युग मे सबसे महत्वपूर्ण कार्य अर्थात विलायत का पालन करने और विलायत की रक्षा करने के लिए आमंत्रित कर रही है।
-
पैगंबर (स.अ.व.व.) की जीवनी और चरित्र को केवल सुनने तक सीमित न रखें, मौलाना मंजूर अली नकवी
हौज़ा / हमारे युवा इस्लाम के इतिहास और पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) की जीवनी का अध्ययन करें। इस अंधेरे युग में, यह केवल अहलेबैत (अ.स.) की जीवनी है जो मनुष्यों के दिलों को प्रबुद्ध करती है और उन्हें भ्रामिक मार्ग से हिदायत के मार्ग का मार्गदर्शन करती है।
-
ज़ियारत की स्वीकृति का संकेत चरित्र में सकारात्मक बदलाव है, आयतुल्लाह हाफ़िज बशीर नजफी
हौज़ा / मरजा ए तक़लीद ने यूके, यूएसए और कराची, इस्लामाबाद, लाहौर के मोमेनीन के प्रतिनिधिमंडल से कहा: तीर्थयात्री के चरित्र में सकारात्मक बदलाव ज़ियारत की स्वीकृति का संकेत है।
-
मुहर्रम कपड़ो की तबदीली का नही, चरित्र 'किरदार' की तबदीली का महीना है
हौज़ा / बाजार में हर जगह दुकानदार हाथों में काले कपड़े लहरा रहे थे और चिल्ला रहे थे कि "मुहर्रम क्लैकशन आ गया है आएं खरीदे"। मेरे दोस्त के आंसू निकल पड़े जब उसने दुकानदारों को मुहर्रम क्लैकशन की इस तरह से मार्केटिंग करते देखकर मेरी आंखो से आंसू निकल आए मै सोच रहा था कि क्या कर्बला मे इतनी बड़ी कुर्बानी इसी लिए दी गई थी कि आज हम उनका सोग फैशन के साथ मनाऐेगे ?
-
रमजान का पवित्र महीना अल्लाह के करीब आने और चरित्र बनाने का सबसे अच्छा ज़रिया, अल्लामा अशफाक वहीदी
हौज़ा / रौज़ा अहसास का नाम है। यदि कोई व्यक्ति रौज़ा भी रखता है लेकिन गरीब और जरूरतमंद लोगों की देखभाल नहीं करता, तो वह रोज़े के दर्शन (फलसफे) को समझ ही नहीं सका। रौज़ा केवल सहरी और इफ्तारी करने का नाम नही है बल्कि दूसरो को सहरी और इफ्तारी मे शरीक करने का नाम है।