चश्मो चिराग
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शाह चिराग के मजार पर हमला शियो के दिलों पर हमला है
हौज़ा / ईरान के शहर शिराज में शाह चिराग की जिस दरगाह पर हमला हुआ है वो कोई आम आदमी नहीं हैं वो इमाम जादे हैं,सातवें इमाम इमाम मूसा काजिम अ.स की औलाद हैं जिनका नाम सय्यद अहमद उर्फ शाहे चिराग है।आपके मजारे मुकद्दस पर हमले से सारी दुनिया के शियो के दिल गमगीन हैं।
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मजमा ए उलमा व खुत्बा मुंबई मुंबई भारत:
साल 2022 माअरेफते मुस्तफा स.अ.व.व. के नाम से जाना जाए
हौज़ा / मजमा ए उलमा व ख़ुत्बा मुंबई हिंदुस्तान मानवता की दुनिया और इस्लामी जगत, विद्वानों, बुद्धिजीवियों, युवाओं से अपील करता है कि वर्ष 2022 को साले माअरेफते रसूल (स.अ.व.व.) का नाम दें और पूरे साल पूरे देश मे हर रूप मे माअरेफते रसूल का चिराग़ जलाएं।
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आबे ज़म-ज़म शिफ़ा है और इमाम रज़ा के चश्मे का पानी भी शिफ़ा है, मौलाना अबुल क़ासिम रिज़वी
हौज़ा / नेशापुर खुरासान का मक्का है। मक्का में आबे ज़म-ज़म का चश्मा है और मक़ामे इब्राहिम है। इसी तरह, नेशापुर में इमाम रज़ा का चश्मा है, जिसे इमाम ने जारी किया था खुद इमाम का क़दमे मुबारक भी है। यह आपके कदमों की निशानी है जो पत्थर पर दिखाई देती है, आबे ज़म-ज़म शिफ़ा है और इमाम रज़ा के चश्मे का पानी भी शिफ़ा है।
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ज़रा सोचिए !
मौलाना ज़मान बाक़री की अपने तमाम शहर वासियों से एक अपील
हौज़ा / खुदारा इस वायरस को आसान ना समझे और ना ही कोई सियासी या हुकूमत कि साजिश समझे बल्कि यह एक हकीकत है। जो जहांने आलम में मौत की शक्ल में मढलाई हुई है। ना जाने कब किस को लुकमये अजल बना ले और फिर वह वक्त भी आए के आखरी दीदार को हर एक अज़ीज़ अकराबा रिश्तेदार तड़पता रह जाए। जिसकी हर एक को तमन्ना होती है कि मैं अपने अज़ीज़ का आखरी दीदार कर लूं।