۱۵ مهر ۱۴۰۳ |۲ ربیع‌الثانی ۱۴۴۶ | Oct 6, 2024

ज़रूरी चीज़ें मुहैया

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  • शरई अहकामः नज़्र में तब्दीली का हुक्म

    शरई अहकामः नज़्र में तब्दीली का हुक्म

    हौज़ा/लोग मातमी अंजुमन को चावल और गोश्त देने की नज़्र मानते हैं, अगर चावल, गोश्त से ज़्यादा हो तो क्या चावल का इज़ाफ़ी हिस्सा बेचकर गोश्त या दूसरी ज़रूरी चीज़ें मुहैया कर सकते हैं?

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