हौज़ा/ज़िन्दगी की हक़ीक़तों से ऊपर, आरज़ूएं, इश्क़ और मोहब्बतें, इंसानी जज़्बात इंसान की ज़िन्दगी में अपना रोल अदा करते हैं, उनका रोल भी, स्वाभाविक है, दूसरे दर्जे का नहीं है, बल्कि वही वास्तविक…