ज़ियारते अरबाईन मोमिन की पहचान
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ज़ियारत ए अरबईन के ज़रिए इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम से मुहब्बत और इंतज़ार इमाम मेंहदी अलैहिस्सलाम का मजबूत राबता
हौज़ा / इस वक़्त हम इमाम मेंहदी अलैहिस्सलाम के इंतज़ार के ज़माने में हैं और हमारे पास दो चीजें हैं एक हुसैनी मोमिन और दूसरा मेंहदवी मोमिन। क्या हम ज़ियारते अरबईन के ज़रिए इन दोनों को एक कर सकते हैं जिनमें से एक इमाम हुसैन अ.स. की सच्ची मुहब्बत है और दूसरा इमाम मेंहदी का हक़ीक़ी इंतज़ार!
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हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अली नजफ़ी:
दीन के बारे में गलत सूचनाएं देकर कौम को गुमराह करने की साजिशें की जा रही हैं।
हौज़ा/केंद्रीय कार्यालय नजफ अशरफ में हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अली नजफ़ी ने फरमाया,दीन के बारे में संदेह और गलत सूचनाएं फैलाकर मोमिनों की पहचान और मान्यता को विकृत करने और उम्मत को उसके सच्चे रास्ते से गुमराह करने की साजिशें की जा रही हैं।
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इमाम हुसैन (अ.स.) के चेहलुम की तारीख़ी हैसीयत
हौज़ा / इमाम हसन अस्करी (अ.स.) ने ज़ियारते अरबाईन को एक मोमिन की निशानीयो मे बताया है। इसे वाजिब और मुस्तहब नमाज़ो में क़रार दिया है। जैसे नमाज धर्म का स्तंभ है, वैसे ही वाक़ेआ ए कर्बला और ज़ियारते अरबाईन भी धर्म का स्तंभ है।