۴ آذر ۱۴۰۳
|۲۲ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 24, 2024
जालिम और पीड़ित
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जनसमुदाय का ज़मीर जिंदा करना!
हौज़ा / दुनिया की अदालत को फैसला,जजमेंट देने में समय लगता है मगर दिल की अदालत को नही लगता दिल की अदालत जिस तरह दंडित करती है उसी तरह अवॉर्ड भी देती है दिल की इस अदालत के न्यायाधीश साहब का नाम (ज़मीर) है अंतरात्मा के नाम से जाना जाता हैं।