۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
जैनबे सानी
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मोहर्रम की याद मनाना रस्म नहीं बल्कि एक संस्कार का हिस्सा है, मौलाना सैय्यद तत्हीर हुसैन जै़दी
हौज़ा/ अगर किसी में तब्दीली नहीं तो उसने मोहर्रम को फिक्र और किरदार की तब्दीली नहीं बल्कि रस्मो रिवाज समझकर गुज़ारा है।
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ऑस्ट्रेलिया की क्रिस्टिन जेम्स ने शिया होकर अपना नाम ज़ैनबे सानी क्यो रखा?
हौज़ा/ ऑस्ट्रेलिया की ताज़ा मुसलमान होने वाली क्रिस्टिन जेम्स कहती हैं इंसान की परिपूर्णता का मार्ग अल्लाह तआला के आदेशों के प्रति नतमस्तक होने में है। वह कहती हैं अगर आपके पास बड़ा घर हो, पैसा हो और बहुत सारे दोस्त हों तो ये सब चीज़ें आपको परिपूर्णता तक नहीं पहुंचा सकतीं परंतु अगर आप पूरी निष्ठा के साथ ईश्वरीय आदेशों के समक्ष नतमस्तक रहें तो आप वास्तविक परिपूर्णता तक पहुंचेंगे।