۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
टिक टॉक महिला
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टिक टॉकर से बदसलूकी को आशूरा पर दहशत गर्दी से अधिक संगीन क़रार देना बे हिसी है, अल्लामा सिब्तैन सब्ज़ावारी
हौज़ा / टिक टॉकर की अपनी हरकत जैसी भी थी लेकिन किसी को भी इस बात की अनुमति नही दी जा सकती कि वह किसी महिला की इज़्ज़त पर हाथ डाले और उससे दस्त तराज़ी करे लेकिन बहावलनगर में शोक जुलूस ए अज़ा पर मस्जिद से हुए आतंकवादी हमले को एक निजी टीवी चैनल तक सीमित कर देना। फैय्याज़ुल हसन चौहान की नासेबी सोच को दर्शाता है।