हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अल्लामा सैयद सिब्तैन हैदर सब्ज़ावारी, लाहौर / शिया उलेमा परिषद उत्तरी पंजाब के प्रवक्ता ने प्रांतीय मंत्री फ़य्याज़ुल हसन चौहान के बयान की कड़ी निंदा की और कहा कि उनका रुख सरकार की उदासीनता और भाई - भतीजावाद का प्रतिबिंब था ।
अल्लामा सब्ज़ावारी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर मीनार पाकिस्तान के नीचे दबी एक महिला के साथ शर्मनाक घटना हमारे सामाजिक दुराचार को दर्शाती है इसकी कड़ी निंदा करते हैं। टिक टॉकर की खुद की हरकत जो भी थी लेकिन किसी को भी महिला के सम्मान को छूने और अतिक्रमण करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है लेकिन बहावलनगर में जुलूस ए अज़ा पर मस्जिद से हुए आतंकवादी हमले को एक निजी टीवी चैनल पर एक दुर्लभ घटना मानना। फैय्याज़ुल हसन चौहान की नासेबी सोच को दर्शाता है। शायद इसीलिए जूलूस ए अज़ा को रोकने के लिए एसएचओ से लेकर आईजी पुलिस पंजाब तक हर कोई चालाकी और बेईमानी का इस्तेमाल कर रहा है।
उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री इमरान खान और मुख्यमंत्री उस्मान बाजदार फैयाज-उल-हसन चौहान के बयान को स्पष्ट करें कि क्या यह पंजाब सरकार की नीति थी कि टिक टॉक महिला के साथ होने वाली घटना को मासूम बच्ची सहित पांच मोमेनीन की शहादत से ज्यादा गंभीर बताया जाए। ऐसी सरकार को शर्म आनी चाहिए। हम इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयान देने के लिए फैयाज-उल-हसन चौहान के इस्तीफे की मांग करते हैं। यह व्यक्ति किसी भी सरकारी पद के लिए पात्र नहीं है।