हौज़ा/ ग़ज़्ज़ा की धरती लगभग दो वर्षों से ऐसी भयावह क्रूरता और बर्बरता का सामना कर रही है, जिसकी कहानी मानवता के इतिहास में खून से लिखी जाएगी; शहादत का यह खून एक ऐसा दीपक है जो जुल्म की हवाओं…
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक रिवायत मे गरीबी और फ़क़्र के डर से शादी न करने के परिणामों की ओर इशारा किया है।