हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "मन ला यहज़ुर अल-फ़कीह" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق علیہ السلام:
مَنْ تَرَكَ التَّزْويجَ مَخافَةَ الْفَقْرِ فَقَدْ اَساءَ الظَّنَّ بِاللّهِ ـ عَزَّ وَ جَلَّ ـ ، اِنَّ اللّهَ ـ عَزَّ وَ جَلَّ ـ يَقُولُ: «اِنْ يَكُونُوا فُقَـراءَ يُغْنِـهِمُ اللّهُ مِـنْ فَضْـلِهِ».
इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने फ़रमाया:
जो व्यक्ति गरीबी और कठिनाई के डर से शादी नहीं करता, वह ऐसा है मानो उसने अल्लाह पर शक किया है, क्योंकि अल्लाह तआला कहता हैं: "यदि वह गरीब है, तो अल्लाह तआला उसे अपने फ़ज़्ल व करम से बेनियाज़ कर देगा।"
मन ला यहज़ुर अल-फ़कीह, भाग 3, पेज 251
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