۱۸ تیر ۱۴۰۳ |۱ محرم ۱۴۴۶ | Jul 8, 2024

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  •  बुरों को बुरा और अच्छों को अच्छा कहना कुरानी तरीका है

    सहाबियत की डिफिनेशनः

     बुरों को बुरा और अच्छों को अच्छा कहना कुरानी तरीका है

    हौज़ा / दुनिया भर के अक्लमंदो,इंसाफपसंदो और दबेकुचलो की यही पुकार है कि *अच्छाइयां करने वालों को ईनाम और बुराइयां करने वालों को सज़ा मिलनी चाहिए*!  अक्ल भी यही चाहती है,इंसाफ भी यही चाहता है और दबे कुचले इंसान भी यही चाहते हैं की अच्छे लोगों को ईनाम और बुरे लोगों को सज़ा मिले,यही वजह है की कुरान जो अदल और अमन कायम करने की सब से बड़ी इलाही किताब है उसमें साफ साफ लिखा हुआ हैं की  *जो ज़र्रा बराबर नेकी यानी अच्छे काम करेगा उसे उसकी जज़ा मिलेगी जो ज़र्रा बराबर बदी करेगा यानी बुरे काम करेगा उसे उसकी सज़ा मिलेगी* *कुरान का ये उसूल 1400 साल पहले वाले मुसलमानों के लिए भी है और कयामत तक पैदा होने वालों के लिए भी है,ये उसूल अहलेबैत,अज़वाज और असहाब सबके लिए है कोई अगर इसका इंकार कर दे तो वो खुद गलत है*।

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