हौज़ा |अगर सूदखोर अपने किए पर पश्चाताप नहीं करते तो उनके पास मूल पूंजी भी नहीं होती। इस्लामी आर्थिक व्यवस्था का आधार न्याय है।
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,एक चीज़ जिसे मैं बार बार दोहरता हूं और उस पर ज़ोर देता हूं तौबा, ग़लत काम करने पर भी है और ज़िम्मेदारी और…