۱۳ تیر ۱۴۰۳
|۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 3, 2024
तौरात
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इत्रे क़ुरआन ! सूर ए आले इमरान
बुद्धि पहचान का एक साधन है और तर्क वास्तविकता तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है
हौज़ा / यहूदियों और ईसाइयों में इब्राहीम धर्म को लेकर विवाद है। ईसाई हज़रत इब्राहिम (अ) को ईसाई मानते थे और यहूदियों को यहूदी। तौरात और इंजील (बाइबिल) इब्राहीम (अ) के बाद नाज़िल हुई थी।
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इत्रे क़ुरआनः सूर ए आले इमारन !
कुछ इलाही आदेशों के परिवर्तन एवं बदलाव में समय एवं काल का प्रभाव
हौज़ा / अल्लाह तआला की प्रभुता के लिए आवश्यक है कि वह पैगंबरों को चमत्कारों के साथ भेजे। तक्वा ए इलाही और उसके दूतों की आज्ञाकारिता तालीम में पाई जाती है।