हौज़ा / मरहूम आयतुल्लाह बुरूजर्दी कहते हैं कि इमाम जाफर सादिक अ.स. कभी-कभी तक़ैय्या के तौर पर यहां तक कि अपने शिया के साथ भी जवाब दिया करते थे क्योंकि उनका इरादा हकीकत जानने का नहीं होता था बल्कि…
हौज़ा / अगर हम ग़फ़लत करें अपनी ज़बान की हिफाज़त न करें बेवजह आपत्तियाँ करें, सब्र न करें, हालात का गलत विश्लेषण करें और मदद करने में कोताही बरतें, तो यह भी ऐतिहासिक स्तर पर रास्ता बदल सकता है…