हौज़ा / हज़रत अमीरुल मोमेनीन अली (अलैहिस्सलाम) ने एक रिवायत में गरीबी और तंगदस्ती से भी बदतर मुसीबत की ओर संकेत किया है।
हौज़ा / इतिहास गवाह है कि आज तक कोई भी समाज केवल जनसंख्या वृद्धि के कारण गरीब और दरिद्र नहीं हुआ, बल्कि समाज की गरीबी और फक़ीरी के और दूसरे कारण हैं।