हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित हदीस को "अल-अमाली अल-तूसी" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال امیرالمومنین علیه السلام:
إِنَّ مِنَ الْبَلاءِ الْفاقَةَ وَ أَشَدُّ مِنْ ذلِكَ مَرَضُ الْبَدَنِ وَ أَشَدُّ مِنْ ذلِكَ مَرَضُ الْقَلْبِ وَ إِنَّ مِنَ النِّعَمِ سَعَةُ الْمالِ وَ أَفْضَلُ مِنْ ذلِكَ صِحَّةُ الْبَدَنَ وَ أَفْضَلُ مِنْ ذلِكَ تَقْوىَ الْقَلْبِ
हज़रत इमाम अली (अहैलिस्सलाम) ने फ़रमायाः
बेशक दरिद्रता और तंगदस्ती एक प्रकार की मुसीबत है, और तंगस्ती से भी बदतर शरीर का रोग है, और हृदय का रोग उससे भी बुरा है, और धन की बहुतायत एक प्रकार का आशीर्वाद है, और स्वास्थ्य भौतिक धन से श्रेष्ठ है, और उससे भी बढ़कर एक उत्तम हृदय भक्ति है।
अल-अमाली लिल-तूसी: 146 हदीस 240
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