۱۱ تیر ۱۴۰۳
|۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 1, 2024
दुआ करने से ज़रूर कबूल होती हैं,
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अल्लाह तआला की बारगाह में पाक मन से दुआ करने से ज़रूर कबूल होती हैं
हौज़ा/तुम मुझसे दुआ करो मैं तुम्हारी दुआ क़ुबूल करुंगा, (सूरए ग़ाफ़िर, आयत-60) कोई भी दुआ नहीं जो क़ुबूल न हो, क़ुबूल होने का मतलब यह नहीं है कि इंसान की इच्छा निश्चित तौर पर पूरी हो जाएगी, मुमकिन है पूरी हो जाए या मुमकिन है किसी सबब, किसी कारण से पूरी न हो, लेकिन जवाब मिलना यक़ीनी हैं।