۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
दुआ

हौज़ा/तुम मुझसे दुआ करो मैं तुम्हारी दुआ क़ुबूल करुंगा, (सूरए ग़ाफ़िर, आयत-60) कोई भी दुआ नहीं जो क़ुबूल न हो, क़ुबूल होने का मतलब यह नहीं है कि इंसान की इच्छा निश्चित तौर पर पूरी हो जाएगी, मुमकिन है पूरी हो जाए या मुमकिन है किसी सबब, किसी कारण से पूरी न हो, लेकिन जवाब मिलना यक़ीनी हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर ने फरमाया,अल्लाह तआला की बारगाह में नापाक मन को राह नहीं मिलती उसके लिए पाकीज़गी ज़रूरी है, अगर दिल ने अल्लाह की याद से ख़ुद को, सजा लिया तो इस बात में शक नहीं कि अल्लाह उसकी दुआ को क़ुबूल करेगा।

तुम मुझसे दुआ करो मैं तुम्हारी दुआ क़ुबूल करुंगा, (सूरए ग़ाफ़िर, आयत-60) कोई भी दुआ नहीं जो क़ुबूल न हो, क़ुबूल होने का मतलब यह नहीं है कि इंसान की इच्छा निश्चित तौर पर पूरी हो जाएगी, मुमकिन है पूरी हो जाए या मुमकिन है किसी सबब, किसी कारण से पूरी न हो, लेकिन जवाब मिलना यक़ीनी हैं।

अल्लाह की तरफ़ से क़ुबूलियत वही अल्लाह का जवाब और तवज्जो है, चाहे वह इच्छा जो हम चाहते हैं और अकसर ख़याल करते हैं कि यह हमारे फ़ायदे में है लेकिन इसमें हमारा नुक़सान पाया जाता है और दुआ पूरी भी नहीं होती! लेकिन आपके लिए ऐ अल्लाह के जवाब में एक हाँ ज़रूर होती है।
इमाम ख़ामेनेई,

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .