۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
दुख का महीना
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मुहर्रम कोई त्योहार नहीं बल्कि दुख का महीना और जुल्म के खिलाफ विरोध है, मौलाना कल्बे जवाद नक़वी
हौज़ा / मौलाना ने कहा कि उपमहाद्वीप में आज जहां भी उर्दू भाषा बोलने वाले लोग हैं, वहां अज़ादारी जिस रूप मे मनाई जाती है उसका खद्दो ख़ाल हजरत दिलदार अली गुफ़रान मआब ने निर्धारित किया हैं।