۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
|
Jul 5, 2024
दुनिया और आखिरत में भलाई
Total: 4
-
दिन की हदीस:
इन दो अमल से परहेज़ करें!
हौज़ा / हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में सुस्त और बेहौसला होने से परहेज़ करने की नसीहत फरमाई है।
-
दिन की हदीस:
दुनिया या आखिरत?
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में दुनिया और आख़िरत से जुड़ी बातें बयान की हैं।
-
इमाम जवाद (अ.स.) की शहादत के अवसर पर अल्लामा सैयद ज़फ़र अली शाह नकवी का शोक संदेश:
इमाम जवाद (अ.स.) की जीवनी इस्लामी समाज के लिए एक आदर्श है
हौज़ा / क़ुम में क़ैद-ए-मिल्लत जाफ़रिया पाकिस्तान कार्यालय के प्रतिनिधि अल्लामा ज़फ़र नकवी ने कहा कि हमारे युवा इमाम जवाद (अ.स.) की जीवनी का अनुसरण करके इस दुनिया में और आखिरत मे सआदत और खुशबख्ती हासिल कर सकते है।
-
:दिन की हदीस
ऐसा अमल जो दुनिया और आखिरत के लिए लाभदायक है।
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में ऐसे अमल की ओर इशारा किया गया है जिसमें दुनिया और आखिरत की भलाई छुपी हुई हैं।