दुसाहस
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पश्चिम के मानवाधिकार के दावे सिर्फ ढोंग हैं
हौज़ा / दरअसल, "खुर्शीद विलायत" के फ़रज़ंंदान और "नूर और हक़ीक़त" के प्रचारक फ्रांसीसी पत्रिका चार्ली हेब्दो के अपमानजनक और शर्मनाक कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं और अपने नेता और मुक्तदी के प्रति अपनी निष्ठा को नवीनीकृत करते हैं। पवित्र कर्तव्य निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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वैश्विक अहंकार ईरानी विश्वविद्यालयों को देशद्रोह और भ्रष्टाचार के केंद्रों में बदलना चाहता है
हौजा / सिपाह यूनिट के पूर्वी आज़रबाइजान में वली फकीह के प्रतिनिधि ने कहा कि अहंकारी लोग हमारे विश्वविद्यालयों और वैज्ञानिक केंद्रों में देशद्रोह और भ्रष्टाचार फैलाना चाहते हैं, ताकि समाज की शांति भंग हो, इन नापाक षड्यंत्र से निपटने का तरीका विवेक और अंतर्दृष्टि बनाए रखना और शैक्षणिक केंद्रों के बीच एकता और एकता पैदा करना है।
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अगर हज़रत हमज़ा (अ.स.) जीवित होते, तो कोई भी सक़ीफ़ा में अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) का अपमान करने का साहस नही करता
हौज़ा / हज़रत हमज़ा (अ.स.) सीरा और इस्लामी सभ्यता कालेज के प्रयासो से क़मु मे शहादत दिवस के अवसर पर मदरसा ए इमाम खुमैनी (र.अ.) के क़ुद्स हॉल में एक समारोह आयोजित किया गया।
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कुरान की 26 आयतों की बात वसीम रिजवी की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई ٰआज
हौज़ा / भारत के सर्वोच्च न्यायालय पवित्र कुरान की 26 आयतों को हटाने की मांग वाली याचिका को खारिज करने के खिलाफ सोमवार को एक समीक्षा याचिका पर सुनवाई करेगा।
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यूपी शिया वक्फ बोर्ड चुनाव, तथाकथित मुतावल्लियो का पूरी तरह से बहिष्कार किया जाना चाहिए, अल-अज़्म इल्मी और सक़ाफ़ती मरकज़ क़ुम
हौजा / हम वक़्फ़ बोर्ड के हालिया चुनावों में अल्लाह की किताब की प्रामाणिकता के विरुद्ध बात करने वाले मलऊन के पक्ष में इन तथाकथित मुतावल्लियो द्वारा राय के अधिकार के इस्तेमाल की कड़ी निंदा करते हैं। देश के जागरूक लोगों से इन शापित (मलऊन) लोगों का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने का आग्रह करते है, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण समय में, हलमिन की आवाज को ना सुन कर उस आवाज का जवाब दिया जो यज़ीदीवाद का आह्वान कर रही थी। जल्द ही वे अपने कार्यों के परिणाम देखेंगे।
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दुसाहसी वसीम रिजवी को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए: अहलेबैत काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्यो की मांग
हौज़ा / अहलेबेत काउंसिल ऑफ़ इंडिया की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें देश भर के विद्वानों ने वसीम रिज़वी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में पवित्र कुरान का अपमान करने और कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए दायर जनहित याचिका को खारिज करने की मांग की।
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वसीम रिजवी के खिलाफ पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी
हौज़ा / उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज़वी का विरोध देश के कई शहरों में शुक्रवार की नमाज़ के बाद किया गया।
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पुणे में शिया सुन्नी विद्वानों की विरोध सभा/ वसीम रिज़वी एक धर्मत्यागी है, मौलाना मुहम्मद असलम रिज़वी
हौज़ा / शिया उलेमा बोर्ड के नेता मौलाना मुहम्मद असलम रिज़वी के घर पर शिया सुन्नी मौलवियों की एक विरोध सभा आयोजित हुई। जिसमे शिया सुन्नी विद्वानो ने संयुक्त रूप से वसीम रिज़वी को धर्मत्यागी (मुरतद) क़रार देते हुए सरकार से कार्रवाई की मांग की।
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वसीम रिज़वी का धर्म डॉलर और दीनार है, अल्लामा अहमद इकबाल रिज़वी
हौज़ा / मजलिस-ए-वहदत-ए मुस्लेमीन पाकिस्तान के केंद्रीय उप महासचिव ने कहा कि पवित्र कुरान ईश्वर की सच्ची पुस्तक है। जो भी इसके एक भी शब्द पर संदेह करता है वह इस्लाम के दायरे से बाहर है। कुरान की आयतों को हटाने के लिए वसीम रिजवी का दावा अत्याचारी शक्तियों के पक्ष को हासिल करना है।
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मजलिसे उलेमा-ए-हिंद, शाखा क़ुम के अध्यक्षः
वसीम रिज़वी माल और दौलत का तलबगार, उसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, मौलाना सैयद अहमद रज़ा ज़ुरारा
हौज़ा / मजलिसे उलेमा-ए-हिंद की शाखा कुम के अध्यक्ष ने कहा कि हुब्बे दुनिया का एक बड़ा मिसदाक़, धन और शक्ति का प्रेम हो, उसका बंदी सभी प्रकार के जघन्य कृत्यों को करने के लिए तैयार है। कल ऐसे लोग अमरो आस, उबैयदुल्लाह इब्न ज़्याद और उमर इब्ने सआद के रूप मे दिखाई देते थे और आज वो सलमान रुश्दी और वसीम रिजवी आदि के रूप में दिखाई देते हैं।
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:कुरान मजीद की शान में गुस्ताखी
इंडियन इस्लामिक स्टूडेंट यूनियन कुम मुकद्दसा, वसीम रिज़वी की निंदा और बेज़ारी की घोषणा करता है।
हौज़ा / इस्लामिक दुनिया में विचार के सभी इस बात से सहमत हैं कि कुरान में कोई तहरीफ नहीं हुई है। और ना ही इसका तसव्वुर है.आयत की तहरीफ तो बहुत दूर की बात है हम तो कुरान मजीद के किसी एक शब्द और बिंदे में भी तहरीफ को स्वीकार नहीं करते है। हम धार्मिक अध्ययन के छात्रों हौज़े इलमिया कुम मुकद्दस से वसीम रिज़वी और इसके आकाओं की भरपूर निंदा करते हैं। और इससे अपनी बेज़ारी का इज़हार करते हैं।
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पवित्र कुरान की महिमा में दुसाहस इस्लाम के दुश्मनों को लाभ पहुंचाने का प्रयास है, उलेमा खुत्बा मुम्बई
हौज़ा / पूरे इस्लामी जगत को सूचित किया जा रहा है कि जिस तरह इस आदमी ने अतीत में गंदी विचारधारा को दिखाया था वह उसकी व्यक्तिगत विचारधारा थी और शिया जगत द्वारा उसकी कड़ी निंदा की गई थी, इसलिए यह आज भी देखा जा रहा है कि तहरीफ-ए कुरान का विचार उसका व्यक्तिगत विचार और इस्लाम के दुश्मन जो उसके आक़ा (स्वामी) है उन्हे खुश करने के लिए है। इसका शिया धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।
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बेअस्त मानवता की दुनिया पर अल्लाह की एक खास दया और इनायत का नाम है. मौलाना तकी अब्बास रिज़वी
हौज़ा /पैगंबरों के बेअस्त का मकसद खुदा इंसान और ब्रह्मांड के बीच संबंध स्थापित करना था, मगर रसूल अल्लाह( स.ल.व.व.) की बेअस्त का मकसद तौहीद की तरफ दावत देना, लोगों को खुशखबरी और अल्लाह के एतबार से जिंदगी गुजारने का सही तरीका ,शिक्षा और लोगों की शुद्धि के अनुसार जीने के लिए मार्गदर्शन करना, धर्म का पालन कराना और खुदा की इबादत करने का अपना तरीका बना लेना।