۲ آذر ۱۴۰۳
|۲۰ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 22, 2024
नबी ए रहमत
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पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.व.) का अपमान अक्षम्य है लेकिन हिंसा भी निंदनीय है, मौलाना डॉ अब्बास मेहदी हसनी
हौज़ा / कोई भी मुसलमान पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) की महिमा में अहंकार को बर्दाश्त नहीं कर सकता है। हालांकि, मुस्लमानो को नबी रहमत इतना अधिक प्यारा है कि वह अपने माल और संतान को तो कुरबान कर सकता है लेकिन नबी रहमत का अपमान कदापि सहन नही कर सकता। इस बदसूरत और घृणित कृत्य के खिलाफ कोई भी कार्रवाई शरिया के दायरे में होनी चाहिए और भारत के संविधान के खिलाफ नहीं होनी चाहिए।