नमाज़े जमाअत इस्लामिक
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शरई अहकामः
अज्ञानी व्यक्ति का मार्गदर्शन
हौज़ा / इस्लामिक क्रांति के नेता ने अज्ञानियों के मार्गदर्शन से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।
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ईरान को ज़ायोनी शासन की आक्रामकता का जवाब देने का अधिकार है: आयतुल्लाह सईदी
हौज़ा/ मासूमा क़ुम के हरम के मुतव्लली आयतुल्लाह सय्यद मुहम्मद सईदी ने नमाज़े जुमा में खुत्बे मे ज़ायोनी सरकार की हालिया आक्रामकता की निंदा करते हुए कहा कि ईरान को इन अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करने के लिए ज़ायोनी शासन को सबक सिखाने का अधिकार है।
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जिसने ग़दीर को छोड़ा उससे बड़ा कोई फ़क़ीर नहीं: मौलाना सय्यद रज़ा हैदर ज़ैदी
हौज़ा / मौलाना सय्यद रज़ा हैदर ज़ैदी ने अपने जुमे के खुत्बे में कहा: "मार्गदर्शन केवल उसी को मिल सकता है जिसका अल्लाह ने मार्गदर्शन किया है, और जो स्वयं निर्देशित नहीं है वह दूसरों का मार्गदर्शन करने में सक्षम नहीं है।" गदीर मार्गदर्शन का वह स्रोत्र है जिसने इसे छोड़ दिया वास्तव मे उससे बड़ा कोई फ़क़ीर नही है।"
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अंतरराष्ट्रीय मीडिया में आयतुल्लाह ख़ामेनई के खुत्बे की कवरेज
हौज़ा / कल तेहरान मे नमाज़े जुमा क्रांति के नेता आयतुल्लाह खामेनेई के नेतृत्व मे अदा की गई सुप्रीम लीडर के खुत्बो को अंग्रेजी भाषा के विभिन्न समाचार आउटलेटों में व्यापक कवरेज मिला है।
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वीडियो / इस्लामी क्रांति के नेता की इमामत में नमाज़े जुमा
हौज़ा / आज तेहरान के मुसल्ला ए इमाम ख़ुमैनी मे इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता की इमामत मे जुमे की नमाज अदा की गई।
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शरई अहकाम:
नमाज़ का कज़ा होना
हौज़ा / कुछ लोग यही सोचते हैं कि अगर आखिरी वक्त में नमाज़ पढ़ी है तो उनकी आधी नमाज़ सही है और बाकी कज़ा हैं।
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शरई अहकामः
अव्वले वक्त मे नमाज़ जमाअत के साथ पढ़ना महत्वपूर्ण है या अज़ादारी, मजालिस या जुलूसे इमाम हुसैन (अ) के बाद?
हौज़ा/अहले-लबैत (अ) केअनुयायियों के माध्यम से यह आवश्यक है कि वे पहले जमाअत के साथ नमाज अदा करने का प्रयास करें, क्योंकि कर्बला में उठाए गए सभी कष्ट और कठिनाइयाँ धर्म की स्थापना के लिए थीं।
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इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता:
खोत्बा और अहले मिम्बर की ज़िम्मेदारी है कि वो माअनवी और रूहानी पीशरफ़्त को बयान करे और उनका बेहतरीन विश्लेषण करें
हौज़ा /अरबीन वॉक, एतेकाफ़, विश्वविद्यालयों में नमाज़े जमाअत और रमज़ान समारोहों में युवाओं की बड़ी भागीदारी माअनवी और रूहानी क्षेत्र में प्रगति का संकेत है।
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फ़ारसी भाषा और कुछ कवियों और शिक्षकों से सुप्रीम लीडर की मुलाकात/फोटो
हौज़ा / इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर शायरों और फ़ारसी ज़बान के उस्तादों और साहित्यकारों से सोमवार की रात मुलाक़ात की।
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इंसान का सम्मान या अपमान ज़ुबान से होता है: मौलाना सैयद मुहम्मद आबिद ज़ैदी
हौज़ा / मौलाना सैयद मुहम्मद आबिद जैदी ने शुक्रवार की नमाज के दौरान मोमिनों को संबोधित करते हुए जुबान से किए जाने वाले छोटे और बड़े गुनाहों पर रोशनी डाली।
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शरई अहकम:
कज़ा नमाज़ पढ़ने वाले इमामे जमाअत की इक़्तेदा करना
हौज़ा/अगर इमाम ए जमआत शरई मसाइल से आगाही रखने वाला (जानकारी रखने वाला हो )और खुद कज़ा नमाज़ पढ़ाने के लिए आगे हुआ हो तो उसकी इक़्तेदा करने में कोई हर्ज नहीं हैं।
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आयतुल्लाह सुबहानी की पत्नी की नमाज़े जनाज़ा हरम ए मासूमा स.अ. में अदा कि गई/फोटों
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा जाफर सुब्हानी की पत्नी के नमाज़े जनाज़ा क़ुम अलमुकद्देसा में मराजय ए इकराम और विद्वानों और छात्रों की उपस्थिति में अदा की गई
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दिन की हदीसः
जुमा की नमाज में शामिल होने का सवाब
हौज़ा / पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) ने एक रिवायत में जुमा की नमाज़ में शामिल होने के सवाब की ओर इशारा किया है।
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60 हजार नमाज़ीयो ने मस्जिदे अक्सा मे जुमे की नमाज अदा की
हौज़ा / इज़राइल के सख्त उपायों के बावजूद, हजारों फिलिस्तीनी नमाज़ी कब्जे वाले यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद पहुंचे और इसके प्रांगण में जुमे की नमाज अदा की। सूत्रों ने बताया कि अल-अक्सा मस्जिद में 60,000 मुस्लिम नमाज़ीयो ने जुमे की नमाज अदा की है।
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शरई अहकाम: लंबी सफ़ो मे जमाअत का इत्तेसाल
हौज़ा: ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने लंबी सफ़ो मे जमाअत के इत्तेसाल से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।
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अज़ादारी हर वक़्त, नमाज़ बर वक़्त
हौज़ा / महराबपुर मे इमाम ज़ैनुल आबेदीन इंस्टीट्यूट ऑफ़ तालीमाते वा अहलबिया वा फ़रुग़े आज़ादारी मिशन महराबपुर सिंध के तत्वाधान 10 मुहर्रम अल-हराम के रोज़े आशुरा हुसैनी चौक महराबपुर में ज़ोहरैन की नमाज़ मौलाना उम्मीद अली मुर्री के नेतृत्व में अदा की गई।
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पश्चिमी आज़रबाईजान में वली फ़क़ीह के प्रतिनिधि
नमाज़े जमाअत इस्लामिक समाज की मानवयत और पहचान है
हौज़ा/इमामें जुमआ शहरे उरूमिया के पश्चिमी आज़रबाईजान के उरूमिया शहर के इमामे जुम्आ और वली फक़ीह के प्रतिनिधि ने हौज़ा ए इल्मिया में खिताब करते हुए कहा कि इस्लामी समाज में मानवयत और पहचान को बढ़ावा देने के लिए ज़रूरी है कि नमाज़ जमाअत से अदा की जाए और रिवायत में भी नमाज़े जमाअत के लिए बहुत ज़्यादा सवाब और ताकीद बयान की गई है। लिहाज़ा अगर नमाज़ जमाअत से अदा ना की जाए तो बहुत बड़ा नुकसान है।