۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
नस्रूल लयाली
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इस्लामी गणराज्य ईरान के राजदूत "डॉ अली चगिनी" और डॉ सैयद नासिर हुसैन "राज्य सभा सांसद" के हाथो सेः
किताब "हमारे अली" और "दो क़ल्मी नुस्ख़ो " का रस्मे इजरा
हौज़ा / "हमारे अली" एक ऐसे व्यक्ति द्वारा लिखी गई किताब है जो इस्लाम धर्म का पालन नहीं करता था, लेकिन जब वह किताब उठाता है और उसे देखता है, तो उसे उसमें विश्वासों का एक समुद्र दिखाई देता है, जो दर्शाता है कि लेखक के हृदय में मौला ए कायनात अली (अ.स.) के लिए कैसी कैसी भावनाएँ थीं।