हौज़ा / काशान के इमाम जुमआ ने कहा कि हर व्यक्ति और हर पेशे व स्थान पर लोगों के अधिकार का पालन करने के लिए दूसरे पक्ष की रज़ामंदी ज़रूरी है इसलिए हलाल रोज़ी लोगों के अधिकार के पालन पर निर्भर है।